वाराणसी में LIC अभिकर्ताओं में आक्रोश, अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू

वाराणसी: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की नीतियों के विरोध में अभिकर्ताओं ने अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान किया है। आल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन के बैनर तले देशभर से अभिकर्ता वाराणसी में एकजुट हुए और निगम की दमनकारी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत कराया। वहीं मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। 

अभिकर्ताओं ने बताया कि 1 अक्टूबर 2024 को भारतीय जीवन बीमा निगम में किए गए बदलावों के खिलाफ एसोसिएशन ने कई बार कार्यकारी अधिकारी, प्रबंध निदेशक, आईआरडीए अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को ज्ञापन सौंपा। अभिकर्ताओं का दावा है कि ये निर्णय 28 करोड़ पॉलिसीधारकों, 14 लाख अभिकर्ताओं और निगम के हितों के विरुद्ध हैं, जिससे न केवल संस्था बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इसके बावजूद जब प्रबंधन ने कोई संज्ञान नहीं लिया, तो संगठन ने 21 अक्टूबर 2024 से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया, जिसमें जुलूस, ज्ञापन और मानव श्रृंखला जैसे विरोध प्रदर्शन किए गए। लेकिन प्रबंधन के अड़ियल रवैये को देखते हुए 24 मार्च 2025 से अनिश्चितकालीन आंदोलन का निर्णय लिया गया। इसकी सूचना उच्च अधिकारियों, उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को दी गई।

दमनकारी नीतियों से अभिकर्ताओं में आक्रोश
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.एल. ठाकुर ने कहा कि प्रबंधन अभिकर्ताओं के अधिकारों का हनन कर रहा है। अभिकर्ता अधिनियम 1972 और संशोधित अधिनियम 2017 के तहत गलत तरीके से निलंबन और बर्खास्तगी की जा रही है, कमीशन जब्त किए जा रहे हैं, जिससे हजारों अभिकर्ताओं की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। इसके अलावा, 31 अगस्त 2021 को बनाए गए नए नियमों के जरिए अभिकर्ताओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश की जा रही है। विरोध करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल रहा है।

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अभिकर्ताओं की प्रमुख मांगें
1.    1 अक्टूबर 2024 को लागू किए गए नए नियमों और दमनकारी अधिनियम 1972 एवं 2017 को वापस लिया जाए।
2.    पॉलिसीधारकों के लोन पर ब्याज दर घटाई जाए और बोनस बढ़ाया जाए।
3.    बीमा धनराशि ₹1,00,000 से बढ़ाकर ₹2,00,000 करने का फैसला वापस लिया जाए।
4.    पॉलिसी की किस्तों में की गई वृद्धि को रोका जाए।
5.    बीमा योग्य जीवन की आयु सीमा को 55 वर्ष से पहले की स्थिति पर बहाल किया जाए।
6.    अभिकर्ताओं का कमीशन पुरानी दरों पर बहाल किया जाए।
7.    क्लॉ बैंक प्रणाली लागू नहीं करने का लिखित आश्वासन दिया जाए।
8.    आंदोलन में शामिल अभिकर्ताओं पर की गई निलंबन और बर्खास्तगी की कार्यवाही तत्काल वापस ली जाए।

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