
लेना होगा लाइसेंस; 12 लोगों ने आवेदन भी किया
यूपी: लोग अक्सर घरों में गौरैया, लाल मुनिया, तोता-मैना आदि पालना बेहद पसंद करते हैं। घर में पाले जाने वाले तोते को अकसर मिट्ठू कहकर बुलाया जाता है, लेकिन यह मासूम दिखने वाला मिट्ठू आपको जेल भी पहुंचा सकता है।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत पक्षियों को पालना गैरकानूनी है। ऐसा करने पर 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। इसके लिए आपको सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है। वाराणसी में पहली बार 12 लोगों ने पक्षी पालने के लिए लाइसेंस आवेदन किया है।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि लाइसेंस फीस एक हजार रुपये है। जो आवेदन आए है उसे उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। इसके बाद उनके घर पर जाकर वन विभाग की टीम जांच करेंगी। जांच में सही पाने के बाद ही इन्हें लाइसेंस जारी किया जाएगा। जो भी पक्षी हम घर के आसपास देखते हैं, उन सभी पक्षियों को घर में पालना प्रतिबंधित है। कुछ ऐसे पक्षी हैं, जिन्हें विदेशी पक्षी कहा जाता है। अगर कोई भी घर में कोई पक्षी पालना चाहता है तो सबसे पहले उस पक्षी को वन विभाग से दिखा लें।
परिवेश टू पोर्टल पर करना होगा पंजीकरण
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पक्षियों के लाइसेंस के लिए भारत सरकार की वेबसाइट www.parivesh.nic.in पर आवेदन करना होगा। किस प्रजाति के कितने पक्षी पालने हैं, यह घोषणा करनी होगी। इसके लिए ऐसे लोगों को छह माह का समय दिया है।
वेबसाइट पर ब्योरा दर्ज करने के बाद सरकार द्वारा इसकी जांच संबंधित जिले के वन विभाग के अफसरों द्वारा कराई जाएई। वन विभाग के अधिकारी इसकी जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजेंगे। इसके बाद इसका आकलन करते हुए संबंधित व्यक्तियों को पक्षियों को रखने का सरकार लाइसेंस जारी करेगी।
वन विभाग ने की अपील
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी पक्षी को घर में कैद न करें। अगर कोई संरक्षित पक्षियों या जानवरों को पाल रहा है, तो इसकी शिकायत वन विभाग को करें। जांच के बाद संबंधित व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिबंधित पक्षी पालने पर सजा
वन्य जीव अधिनियम 1972 के अंतर्गत शेड्यूल एक से शेड्यूल पांच तक की श्रेणियां हैं। जिस शेड्यूल के अंतर्गत जो पक्षी आता है उस हिसाब से सजा का प्रावधान है। भारत में मिलने वाली तोते की सभी प्रजातियां प्रतिबंधित हैं। जो भी पक्षी नेचुरल एनवायरमेंट में रह रहा है उसको कब्जे में लेना क्रूरता के अंतर्गत आता है।
बोले अधिकारी
वाराणसी के भागीय वनाधिकारी स्वाति ने बताया की पक्षियों को बिना लाइसेंस के पालना प्रतिबंधित है। इसके लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। एक हजार रुपये फीस में लाइसेंस जारी किया जाता है। लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है। जांच के बाद उन्हें जारी किया जाएगा।

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