
दुद्धि/सोनभद्र: शानदार व्यक्तित्व के धनी मृदुभाषी नगर पंचायत दुद्धी के प्रथम चेयरमैन गोपाल दास जायसवाल का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इलाके में इस खबर से शोक की लहर फैल गयी है।
नगर पंचायत गठन सन 1988 से 2005 तक चेयरमैन व टाउन क्रिकेट क्लब के प्रथम 1987 से 2005 तक अध्यक्ष रहें। दाह संस्कार कनहर ठेमा नदी के संगम तट पर होगा आज बुधवार को दोपहर में होगा।
बता दें की 7 जनवरी 2024 दिन मंगलवार को पेट फूलने गैस की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी उपचार हेतु परिजन द्वारा लें जाया गया। जहाँ दवा देकर ठीक होने की बात बताई गई। स्थिति सुधार नहीं होने पर निज वाहन से बेहतर उपचार हेतु वाराणसी परिजनों द्वारा लें जाया जा रहा था की मारकुंडी पहाड़ी चढ़ते समय मृत्यु हो गई।
पूर्व चेयरमैन के स्मृतियों की ओर देखा जाएं तो रोचक और प्रेरक कई यादगार पल सामाजिक कार्यों, खेल जगत, नगर पंचायत की राजनीति के स्तम्भ के रूप में सहज और सरलता से बेदाग जीवन का सफरनामा तय किया। नगर पंचायत गठन 2 दिसंबर 1988 से 2 दिसंबर 2005 तक नगर पंचायत में दशकों तक जनसेवा चेयरमैन के रूप में उन दिनों किया।
जब नगर पंचायत की गलियां मिट्टी के पगडंडी से होकर गुजरती थीं। नगर में प्रथम नलीं, गली, खड़ंजा सड़क से नगर पंचायत दुद्धी को तत्कालीन समय सजाया संवारा। सूत्रों की माने तो जनसंघ के दौर उपरान्त 13 नवंबर 1988 को प्रथम चेयरमैन के रूप में “घड़ी चुनाव चिन्ह ” से निर्वाचित हुए।
तत्कालीन चुनाव में प्रतिद्वंद्वी स्वरूप जनसंघी स्वर्गीय जगदीश प्रसाद ब्रह्मचारी का चुनाव चिन्ह “घोड़ा ” जनाब अयूब खान का चुनाव चिन्ह ” मोर ” लंबे अरसे तक व्यापार मंडल का अध्यक्ष रहे स्वर्गीय अछैवर नाथ गुप्ता का चुनाव चिन्ह “कमल का फूल ” व रामकिशोर सेठ चुनाव का चिन्ह ” मुर्गा छाप ” से चुनाव मैदान में तत्कालीन सभी थे।
मित्रता की मिसाल – स्वर्गी गोपाल दास जायसवाल के सहपाठी मित्रता की दुद्धी में मिसाल सुख दुःख के साथी स्वर्गीय विजय प्रसाद गुप्ता, गोपाल प्रसाद जौहरी, सुरेश प्रसाद गुप्ता की नित्य मित्रता ने मानों दुद्धी में दोस्ती की प्रेरणादायक आदर्श प्रस्तुत किया। देश के विभिन्न धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों का सपत्नीक भ्रमण कर आत्मीय मित्रवत संबंधो का आदर्श प्रस्तुत किया।
स्वर्गीय गोपाल दास छः भाईयो स्वर्गीय नंदलाल जायसवाल, स्वर्गीय गोपाल दास, बंसीलाल जायसवाल, स्वर्गीय बसंत लाल जायसवाल, रामलाल जायसवाल, गिरवरधारी जायसवाल सहित सबसे छोटे मनोज कुमार जायसवाल हैं। शानदार व्यक्तित्व, असरदार जीवन शैली, सहज, सौम्य स्वभाव ने पूर्व चेयरमैन को सभी का लोकप्रिय बना दिया।
कनहर ठेमा नदी के संगम तट दुद्धी पर बुधवार को अश्रुपूरित श्रद्धा सुमन अर्पित प्रबुद्धजनों के करने उपरान्त पंचतत्व में विलीन नश्वर शरीर पुत्र के मुख्याअग्नि उपरान्त होगा।

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