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बलिया: शासन-प्रशासन से भी मायूस लौटे ताजियादार, इस बार नहीं निकलेगी 54-55 फीट की ऐतिहासिक ताजिया

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बलिया: पूर्वांचल की वर्षों पुरानी और प्रसिद्ध 54-55 फीट की ताजिया इस वर्ष नगर पंचायत नगरा में नहीं निकलेगी। इस निर्णय से ताजियादारों सहित समुदाय में मायूसी छा गई है। गुरुवार को इसी कारण परंपरागत रूप से निकाले जाने वाला मेहंदी का जुलूस भी स्थगित कर दिया गया।

स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए नगर के सभी ताजिया निर्माण स्थलों को सील कर दिया है। साथ ही, प्रत्येक स्थल पर एक-एक पुलिस कांस्टेबल की तैनाती कर दी गई है। गुरुवार को एसडीएम संजय कुशवाहा और क्षेत्राधिकारी रसड़ा आलोक शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की।

इससे पूर्व मंगलवार को नगरा थाना परिसर में एडिशनल एसपी कृपा शंकर की मौजूदगी में ताजियेदारों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में यह सहमति बनी थी कि इस वर्ष छोटे ताजिया के साथ पर्व मनाया जाएगा। परंतु बाद में ताजियादारों को स्पष्ट कर दिया गया कि परंपरागत विशाल ताजिया जुलूस इस बार नहीं निकाला जाएगा।

प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय आमजन की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और संभावित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि इस फैसले से ताजियादारों में गहरी निराशा देखी जा रही है, लेकिन प्रशासन सभी से शांति और सहयोग की अपील कर रहा है।

रिपोर्ट- मुकेश कुमार श्रीवास्तव

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

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