गाजीपुर: मुहम्मदाबाद नगर की सड़कों पर आवारा सांड और बैलों का आतंक आम जनता के लिए सिरदर्द बन गया है। महिला अस्पताल, तहसील गोलंबर, विट्ठल चौराहा और मिटाउन होटल के पास शाम होते ही सांड और बैलों का जमघट लग जाता है। लोग घर से बाहर निकलने से पहले कई बार सोचते हैं, जबकि सड़कें मानो पशुओं की जागीर बन गई हैं।
पिछले दिनों प्रशासन ने मीडिया के सामने दावा किया था कि सभी आवारा पशु पकड़कर पशु आश्रय केंद्र भेज दिए गए हैं और सड़कें पूरी तरह सुरक्षित हैं। लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही है। कुछ ही दिनों बाद वही सांड और बैल वापस लौट आए — तहसील गोलंबर पर भिड़ते हुए, मिटाउन होटल के सामने घूमते हुए और विट्ठल चौराहे पर राहगीरों को डराते हुए।
स्थानीय लोगों ने तंज कसते हुए कहा, “लगता है पशु आश्रय केंद्र अब सिर्फ नाम का है, असल में तो सांडों का फोटोशूट सेंटर बन गया है।” नागरिकों और पत्रकारों का कहना है कि प्रशासन सिर्फ कागज़ों में कार्रवाई दिखाकर कुर्सी बचाने की जुगत में है, जबकि हर गली और मोड़ पर हादसों का खतरा मंडरा रहा है।







