मिर्जापुर: डाला गोलीकांड की 34वीं बरसी पर बुधवार को शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में शहीदों के परिजन, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और राजनीतिक दलों के नेता मौजूद रहे। सभा में शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और उस दर्दनाक घटना को याद किया गया जिसने डाला की धरती को लहूलुहान कर दिया था।

शहीद पथ पर जुटे लोग, नम हुई आंखें
डाला गेट के बाईं ओर जिस स्थान पर यह घटना हुई थी, उसे आज ‘शहीद पथ’ के नाम से जाना जाता है। श्रद्धांजलि सभा में लोगों की आंखें उस क्षण को याद कर नम हो गईं, जब निहत्थे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियों की बौछार हुई थी। यह घटना निजीकरण के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान घटी थी।
प्रतिभा सिंह ने दी श्रद्धांजलि, कहा – यह ‘जलियांवाला बाग’ की याद दिलाता है
कार्यक्रम में भाग ले रहीं सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिभा सिंह ने घटना को ‘खूनी रविवार’ की संज्ञा देते हुए कहा, “यह हत्याकांड जलियांवाला बाग की घटना की याद दिलाता है। शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर जिस बेरहमी से गोलियां चलाई गईं, वह लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है।”
34 वर्षों बाद भी जख्म ताजे हैं
प्रतिभागियों ने कहा कि 34 साल बीतने के बाद भी डाला की धरती उस दर्द को नहीं भूली है। आज भी लोग उस स्थल को श्रद्धा और सम्मान के साथ याद करते हैं। वक्ताओं ने मांग की कि इस घटना की न्यायिक समीक्षा हो और शहीदों के परिजनों को उचित सम्मान और सहयोग मिले।

Author: Ujala Sanchar
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