गाजीपुर: विकासखंड मरदह के रायपुर बाघपुर गांव में शुक्रवार को ग्रामवासियों का गुस्सा फूट पड़ा। गांव स्थित मिनी सचिवालय पर ग्राम पंचायत सचिव और ब्लॉक के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के चलते गांव में घंटों अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
ग्रामीणों का आरोप है कि महीनों से मिनी सचिवालय पर ताला लटका हुआ है, जिसके कारण उन्हें बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। गांव में चकरोड, नाली, खड़ंजा, शौचालय, साफ-सफाई जैसी समस्याएं बदस्तूर बनी हुई हैं, लेकिन इन्हें देखने-सुनने वाला कोई नहीं है।
समाजसेवी विवेक स्वाधीन ने बताया कि रायपुर बाघपुर पंचायत में करीब 5,000 की आबादी निवास करती है और यह ब्लॉक मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां लाखों रुपए खर्च कर मिनी सचिवालय बनाया गया था ताकि ग्रामीणों को स्थान पर ही सुविधाएं मिल सकें, लेकिन लगातार ताले बंद रहने से ग्रामीणों को आज भी ब्लॉक, तहसील और जिला मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं।
विवेक ने यह भी कहा कि पंचायत सचिव कभी नजर नहीं आते, ग्रामीणों को नहीं मालूम कि वह कब आते और कब चले जाते हैं। सचिव झोले में मुहर और कागज लेकर चलते हैं, और जरूरत पड़ने पर कहीं से भी प्रमाणपत्र जारी कर देते हैं।
सर्वनाथ बासफोर नामक ग्रामीण ने बताया कि वह 6 महीने से राशन और आवास योजना के लिए ब्लॉक और तहसील का चक्कर काट रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि मिनी सचिवालय पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी रोस्टर निर्धारित नहीं है।
प्रदर्शन के दौरान जनार्दन, विनोद, सुफेर, कामता, भरत, विनय, हरिकेश, अशोक, अप्पू, लालू समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे और उन्होंने प्रशासन से तत्काल सचिवालय चालू कराने व जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी पंचायत प्रभाकर पांडेय ने कहा कि “मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट- धर्मेन्द्र कुमार

Author: Ujala Sanchar
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