वाराणसी: कोल्ड फागिंग से मच्छरों की रफ्तार पर लगेगी ब्रेक, न धुआँ न प्रदूषण, मानव स्वास्थ्य पर भी नहीं पड़ेगा असर

वाराणसी: संचारी रोगों की रोकथाम के मद्देनजर मच्छरों पर नियंत्रण हेतु नगर निगम वाराणसी व स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कोल्ड फागिंग का ट्रायल बृहस्पतिवार को नगर आयुक्त अक्षत वर्मा की उपस्थिति में नगर निगम कार्यालय में किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुये नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि इस तकनीक में मशीन में डीजल की जगह पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक की यही खूबी है, आने वाले समय में इस नव तकनीक को कुछ संवेदनशील वार्डो में प्रथम स्तर पर प्रयोग किया जाएगा। जिससे मच्छरजनित बीमारियों पर लगाम लगेगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस तकनीक में जहाँ थर्मल फागिंग में डीजल का प्रयोग कीटनाशक के साथ धुआँ बनाने के लिए किया जाता है, वहीँ कोल्ड फागिंग में कीटनाशक का प्रयोग पानी के साथ किया जाता है। कोल्ड फागिंग में धुएँ की जगह मिस्ट बनते हैं। इस नवोन्मेष से मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण व बचाव किया जा सकेगा।

जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि इसके प्रयोग के लिए डेल्टामेथ्रिन 2 फीसदी EW (इमर्जन वाटर) का प्रयोग पानी में मिलाकर किया जाता है, आने वाले समय में इसका प्रयोग चिकित्सालयों में किया जायेगा। संक्रमण काल में हाट स्पाट क्षेत्रों में डेंगू, केस के सापेक्ष निरोधात्मक कार्यवाही में भी इसका प्रयोग किया जाएगा।

प्रयोग सफल होने पर वार्डो में भी इसका प्रयोग किया जाएगा। धुआँ रहित होने से जहाँ प्रदूषण नहीं होगा, वहीँ फागिंग के मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। ट्रायल के दौरान नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सविता यादव, जोनल स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम तथा नगर निगम के कर्मचारी मौजूद रहे।

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