बलिया: बकरीद का पर्व इस बार बलिया जनपद के नगरा नगर पंचायत क्षेत्र समेत आसपास के गांवों में मोहब्बत, सौहार्द और भाईचारे की मिसाल के रूप में मनाया गया। मस्जिदों में नमाज अदा की गई, और लोगों ने गले मिलकर बुराइयों की कुर्बानी देकर एकता का पैगाम दिया।
इस मौके पर प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। शांतिपूर्वक त्योहार संपन्न कराने के लिए पुलिस बल पूरी तरह सतर्क रहा, जिससे लोग बिना किसी डर के पर्व की खुशियों में शामिल हो सके।
इस्लाम धर्म में बकरीद को त्याग और कुरबानी का पर्व माना जाता है। यह त्योहार यह सिखाता है कि अपने अहम, घमंड और बुराइयों की कुर्बानी देकर इंसान को इंसान से जोड़ने वाली भावनाएं बढ़ाई जाएं।
इस अवसर पर बघुड़ी ग्राम सभा के एक स्थानीय शायर की पंक्तियां लोगों के दिलों को छू गईं: “चलो रस एकता का अब घोल दें सबके कानों में, करें एक जरहादी की बातें मोहब्बत की जुबानों में। और जब बजे घंटी मंदिरों की, झूम उठे दिल मुसलमानों की,
मिले आनंद हिंदुओं को मस्जिदों के अजानो में।”
इन पंक्तियों ने धर्मनिरपेक्षता और साझी संस्कृति का सुंदर संदेश दिया। बकरीद पर यह भाव देखने को मिला कि जब त्योहार दिलों को जोड़ता है, तब दीवारें अपने आप गिर जाती हैं।
नगरा क्षेत्र में सभी समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया, जिससे यह त्योहार सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बन गया।
रिपोर्ट- मुकेश कुमार श्रीवास्तव

Author: Ujala Sanchar
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