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सोनभद्र: सीओ डॉ. चारु द्विवेदी ने पांच बालिकाओं को दिलाया शिक्षा का नया जीवन, प्रधानाचार्य अमर सिंह के सहयोग से मिशन शक्ति बना प्रेरणा की मिसाल

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सोनभद्र। मिशन शक्ति अभियान के तहत नारी सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय पहल करते हुए क्षेत्राधिकारी (मिशन शक्ति) डॉ. चारु द्विवेदी ने जिले में एक नई मिसाल कायम की है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के मार्गदर्शन में उन्होंने शिक्षा से वंचित पांच बालिकाओं को फिर से स्कूल की मुख्यधारा से जोड़कर समाज में प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।

थाना हाथीनाला क्षेत्र के राजकीय हाईस्कूल बेलहत्थी में आयोजित मिशन शक्ति जागरूकता कार्यक्रम के दौरान जब डॉ. चारु द्विवेदी को जानकारी मिली कि पाँच बालिकाएँ किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ चुकी हैं, तो उन्होंने तत्काल पहल की। अभिभावकों से संवाद कर बेटियों की शिक्षा का महत्व समझाया और प्रधानाचार्य अमर सिंह के सहयोग से सभी बालिकाओं का पुनः कक्षा 9 में प्रवेश कराया गया।

शिक्षा से जुड़ी इन बालिकाओं में —

  • रनिया पुत्री राम आधार (निवासी कोड़री बेलहत्थी)
  • पूजा कुमारी पुत्री जयप्रकाश (निवासी भवानी कटरिया)
  • ममता पुत्री राम बरन (निवासी कोड़रा बेलहत्थी)
  • सीता कुमारी पुत्री प्रताप (निवासी बेलहत्थी)
  • ज्योति पुत्री जय मंगल (निवासी हथवानी) — शामिल हैं।

प्रवेश उपरांत विद्यालय प्रशासन द्वारा सभी बालिकाओं को स्कूल बैग प्रदान किए गए। सीओ डॉ. द्विवेदी ने स्वयं अपने लैपटॉप से छात्रवृत्ति आवेदन भरकर सबमिट किए ताकि उनकी शिक्षा आर्थिक रूप से बाधित न हो। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा “शिक्षा ही आत्मनिर्भरता की पहली सीढ़ी है, बेटियों को पढ़ाना ही सशक्त समाज की पहचान है।”

प्रधानाचार्य अमर सिंह ने कहा “डॉ. चारु द्विवेदी का यह प्रयास विद्यालय ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक है। इन बालिकाओं को दोबारा स्कूल लाना समाज के लिए नई राह दिखाने जैसा कदम है।”

कार्यक्रम के दौरान डॉ. द्विवेदी ने छात्राओं को साइबर अपराध, ऑनलाइन ठगी, फेक अकाउंट, डिजिटल ब्लैकमेलिंग से बचाव के उपायों की जानकारी दी। साथ ही हेल्पलाइन नंबर 1090 (महिला हेल्पलाइन), 112 (आपातकालीन सेवा), 1098 (बाल हेल्पलाइन), 108 (स्वास्थ्य सेवा) और 1930 (साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग) के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया।

उनकी यह संवेदनशील पहल न केवल पांच बालिकाओं के भविष्य को नई दिशा देने वाली है, बल्कि यह साबित करती है कि जब प्रशासन और शिक्षा जगत मिलकर कार्य करते हैं, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन की नई सुबह निश्चित रूप से आती है।

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