गाजीपुर। चंदौली के नगवा बांध से चार दिन पूर्व छोड़े गए पानी से कर्मनाशा नदी उफान पर है, जिससे तटवर्ती गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से कई गांवों की फसलें डूब गईं, जिससे किसानों की कमर टूट गई है।
रोहुणा गांव के मुख्य मार्ग पर बाढ़ का पानी भर गया है, जिसके कारण आमजन का आवागमन प्रभावित है। लोग मजबूरन ट्रैक्टर और नावों के सहारे आवाजाही कर रहे हैं। वहीं, प्रशासनिक सहायता अब तक गांवों तक नहीं पहुंची है।
कर्मनाशा नदी के उफान से प्रभावित प्रमुख गांवों में रायपुर, धुस्का, दाउदपुर, गायघाट, ढेहुणी, रोहुणा, करमहरी, केशरूवा और सिहानी शामिल हैं। नदी किनारे बसे कई गांव पानी से घिर गए हैं। केशरूवा गांव तो पूरी तरह जलमग्न हो चुका है।
करमहरी गांव से बिहार के कैमूर जनपद की ओर जाने वाले मार्ग पर भी बाढ़ का पानी भर गया है। लोग ट्रैक्टर ट्राली में बाइक और साइकिल लादकर आने-जाने को मजबूर हैं।
स्थानीय किसान राधेश्याम प्रजापति, रमाशंकर कुशवाहा, भूपाल और विनोद पांडेय ने बताया कि पानी से फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। लगभग 300 बीघा धान की फसल डूब गई है। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे और राहत की मांग की है।
इस संबंध में तहसीलदार रामनारायण वर्मा ने बताया कि कर्मनाशा नदी का पानी घटाव पर है और आबादी क्षेत्र प्रभावित नहीं है, इसलिए राहत सामग्री का वितरण अभी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि “पानी घटने के बाद नुकसान का आकलन किया जाएगा और किसानों को नियमानुसार सहायता प्रदान की जाएगी।”
ब्यूरोचीफ – संजय यादव







